नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से बीती रात बड़ा हादसा हो गया। इस भगदड़ में अब तक 6 श्रद्धालुओं की मौत और 40 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। मृतकों में एक महिला मल्लिका की पहचान हो गई है, बाकी की पहचान की जा रही है। इस घटना को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि ये भगदड़ कैसे मची, क्या मंदिर प्रबंधन और पुलिस- प्रशासन भीड़ का अनुमान लगाने में विफल साबित हुआ और प्रबंधन खराब था?
टोकन वितरण शुरू होने से पहले मची भगदड़
जानकारी के मुताबिक यह घटना तब घटी जब बैरागी पट्टेदा इलाके और एमजीएम स्कूल के पास बनाए गए टोकन वितरण काउंटरों पर भारी भीड़ जमा हो गई। टोकन वितरण के लिए बनाए गए काउंटरों पर 9 जनवरी की सुबह टोकन बांटना शुरू होना था, लेकिन 8 जनवरी की रात से ही श्रद्धालु वहां जुटने लगे। देखते ही देखते बैरागी पट्टेदा और एमजीएम स्कूल काउंटरों पर 4,000 से ज्यादा लोग इकठ्ठे हो गए। इस दौरान टोकन वितरण शुरू होने से पहले ही भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई।
प्रशासन की खुली पोल
हर साल वैकुंठ एकादशी पर तिरुपति वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस साल दर्शन का कार्यक्रम 10 जनवरी से 19 जनवरी तक है। प्रशासन ने टोकन वितरण के लिए विशेष व्यवस्था की थी, लेकिन पहले ही दिन इस हादसे ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। बता दें टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव और जिला कलेक्टर डॉ. एस. वेंकटेश्वर ने अस्पताल का दौरा कर घायलों का हाल जाना। एसपी सुब्बारायडू टोकन वितरण की व्यवस्था देख रहे थे, लेकिन भीड़ संभालने में असफल रहे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पुलिसकर्मियों को घायलों को सीपीआर देते हुए देखा गया। वैकुंठ द्वार दर्शन 10 जनवरी को सुबह 4:30 बजे से शुरू होंगे। टीटीडी ने इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है। अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।
पीएम मोदी और सीएम नायडू ने हादसे पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति में भगदड़ की घटना में 4 श्रद्धालुओं मौत पर गहरा दुःख जताया है। उन्होंने अधिकारियों को घटना की जांच करने और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए कहा है। वे बृहस्पतिवार को तिरुपति पहुंचेंगे और पीड़ितों से मुलाकात करेंगे। बता दें यह हादसा उस वक्त हुआ जब श्रद्धालुओं को बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार में लगने की अनुमति दी गई थी। बता दें कि वैकुंठ द्वार दर्शन 10 दिन के लिए खोले गए हैं। यहां टोकन के लिए हजारों की तादाद में लोग जुटने लगे।