मध्यप्रदेशमध्यप्रदेश जनसंपर्कराज्य

मुख्यमंत्री ने बच्चों को पल्स पोलियो की दवा पिलाकर शुरू किया अभियान

38 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी पल्स पोलियो की दवा

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पल्स पोलियो के प्रति जागरूकता ही बचाव का पहला कदम है। भारत पोलियो मुक्त देशों में से एक है परन्तु पोलियो मुक्त बने रहने के लिए पोलियो की दो बूंद का उपयोग अवश्य करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में पल्स पोलियो के राज्य स्तरीय अभियान का शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चें जुड़वा बहनें अर्निका और अनाया राय, कनिष्का, नियति, अर्थ और समर्थ को दवा पिलाई। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य श्री संदीप यादव, डब्ल्यू.एच.ओ. के प्रतिनिधि सहित गणमान्य उपस्थित थे।

38 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 3 दिवसीय पल्स पोलियो अभियान 8 दिसम्बर से 10 दिसम्बर तक आयोजित किया जाएगा। इस अवधि में 38 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान की सार्थकता तभी है जब कोई भी बच्चा दवा से वंचित न रह जाए। उच्चतम रिहायशी इलाकों से ईंट भट्टे, क्रेशर, निर्माण स्थल, घुमक्कड़ आबादी और झुग्गी बस्तियों में भी पोलियो की दवा पिलाने के लिए मोबाइल टीमें घर-घर, गली-गली जाकर अपने लक्ष्य को पूरा करेंगी। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि सजग माता-पिता होने का परिचय दें और अपने 5 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क पल्स पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं।

दो बूंद हर बार, पोलियो पर जीत बरकरार

दो बूंद हर बार, पोलियो पर जीत बरकरार की भावना से प्रदेश के 16 जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में निरंतर विश्व स्तरीय विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा के प्रति प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त करता हूँ।

पोलियो लाइलाज, बचाव जरूरी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पोलियो लाइलाज बीमारी है, जो बच्चों में दिव्यांगता का प्रमुख कारण है। बच्चों को “डबल सुरक्षा” सुनिश्चित करने के लिए दो बूंद जिन्दगी की खुराक हर बार पिलाई जाना जरुरी है। पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत वर्ष 1995 से हुई थी, जिसका उद्देश्य भारत को सतत पोलियो मुक्त बनाए रखना है। परन्तु कुछ सीमावर्ती देशों में पोलियो के पॉजिटिव प्रकऱण सामने आए है। इन्हें देखते हुए हमें पोलियो के विरुद्ध गंभीरता से लड़ना होगा। हमने अधिक संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर, योजनाबद्ध रूप से पल्स पोलियो अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि भिंड, भोपाल, छिंदवाड़ा, दतिया, ग्वालियर, इन्दौर, कटनी, खरगौन, मंदसौर, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, सतना, श्योपुर, टीकमगढ़ और विदिशा में अभियान का अतिरिक्त चरण आयोजित किया गया हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button