नई दिल्ली। मंगोलपुरी में मंगलवार को सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने पहुंची एमसीडी की टीम पर पथराव किया गया। गनीमत रही कि इसमें कोई चोटिल नहीं हुआ। प्रदर्शनकारी भीड़ ने एमसीडी और पुलिस की टीम को घेर लिया और विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। महिलाओं ने एक तरह से दस्ते के सामने सुरक्षा दीवार बना रखी थी। इससे निगम की टीम को अपनी कार्रवाई को आधे पर ही रोककर लौटना पड़ा। एमसीडी ने इस पूरे मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की है।
कंझावला रोड पर वाई ब्लॉक में पेट्रोल पंप के पास निगम के पार्क की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए मस्जिद के वजूखाने और शौचालय को तोड़ने के लिए रोहिणी जोन की टीम दिल्ली पुलिस की पांच कंपनियों के साथ सुबह करीब सात बजे पहुंची थी। भारी पुलिस बल के साथ एमसीडी के दस्ते को देखते ही स्थानीय लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। भीड़ ने एमसीडी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जैसे ही निगम के बुलडोजर ने अवैध रूप से बनी मस्जिद की दीवार को गिराना शुरू किया, तो भीड़ बुलडोजर को घेरकर खड़ी हो गई। इस दौरान एक शख्स ने पत्थर फेंककर मारा, लेकिन गनीमत ये रही कि इससे किसी को चोट नहीं आई। मौके पर मौजूद पुलिस ने मुश्किल से भीड़ को तितर-बितर किया। कार्रवाई आधी ही चली थी, लेकिन स्थिति गंभीर होती देख निगम की टीम ने कार्रवाई को रोककर लौटने का फैसला किया।
एमसीडी की ओर से जानकारी दी गई कि दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर किए गए धार्मिक अतिक्रमण को हटाने के लिए नियमित रूप से कार्रवाई चल रही है। इसी क्रम में टीम मंगोलपुरी में पार्क की जमीन पर बनी मस्जिद की दीवार को तोड़ने पहुंची थी, लेकिन जैसे ही अवैध रूप से बनाई गई चहारदीवारी को गिराना शुरू किया (करीब 20 मीटर हिस्से को गिराया गया था) तो स्थिति बिगड़ गई, खासकर महिला प्रदर्शनकारियों ने तोड़े जा रहे हिस्से को घेरकर कार्रवाई को रोकने पर मजबूर कर दिया।
भीड़ को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित तरीके से तितर-बितर किया गया। घटनाक्रम को देखते हुए पुलिस ने शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एमसीडी को अतिक्रमण हटाने के अभियान को अस्थायी रूप से रोकने की सलाह दी। एमसीडी ने इस मुद्दे के बारे में एक स्थिति रिपोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, तोड़फोड़ अभियान के दौरान एक मीडियाकर्मी पर पथराव के आरोप लगे हैं, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। यदि कोई शिकायत आती है तो इस मामले में कार्रवाई शुरू होगी। फिलहाल कार्रवाई के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भीड़ की तरफ से पत्थर फेंकने की घटना दिखाई दे रही है।